हनुमानगढ़ - राजस्थान के जिले
- हनुमानगढ़ को युद्धेय भी कहते हैं। यहाँ एक प्राचीन क़िला है,जिसका पुराना नाम भटनेर था। भटनेर, ‘भट्टीनगर‘ का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भाटीयों का नगर है।
- भारत के पश्चिम में स्थित होने के कारण इसे पश्चिम का प्रहरी भी कहा जाता है। यहाँ स्थित भटनेर दुर्ग 285 ईसा में भाटी वंश के राजा भूपतसिंह भाटी ने बनवाया इसलिए इसे भटनेर दुर्ग कहा जाता है। भटनेर किला एक मज़बूत किला माना जाता था यहाँ तक कि तैमूर ने अपनी जीवनी ‘तुजुके तैमूर’ में इसे हिंदुस्तान का सबसे मज़बूत किला बताया। 12 जुलाई 1994 को श्रीगंगानगर से अलग करके राजस्थान का 31वाँ जिला बनाया गया।
- हनुमानगढ़ अपने अंदर अनेक प्राचीन घटनाओ को समाये हुए है। हनुमानगढ़ के पूर्व में 5km दूर सरस्वती नदी पर भद्रकाली माता का मंदिर है और इसके पश्चिम में 25km कालीबंगा सभ्यता विकसित हुयी इसकी सीमा हरियाणा पंजाब से लगती है।
- राजस्थान की सबसे बडी नहर परियोजना इंदिरा गाँधी नहर परियोजना तथा भाखड़ा नहर का आरंभ यही से होता है।
- घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है जो हनुमानगढ जिले के बीच में से होकर गुजरती है जबकि इंदिरा गांधी फीडर प्रमुख नहर है।
गोगामेडी – हिन्दू और मुस्लिम दोनों में समान रूप से मान्य गोगा/जाहर पीर की समाधि,जहाँ पशुओं का मेला भाद्रपद माह में भरता है।
कालीबंगा– सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र,जहाँ एक साइट-म्यूजियम भी है।
नोहर – 1730 में सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह के आगमन पर बनवाया गया कबूतर साहिब गुरुद्वारा| मिट्टी के बने बर्तनों के लिए भी प्रसिद्ध|
शिलामाता -माना जाता है कि मंदिर में स्थापित शिला का पत्थर घग्घर नदी में बह कर आया था
तलवाङा झील– यहाँ पर पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध लड़ा गया था।
स्वामी केशवानन्द का संबंध हनुमानगढ जिला था।
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