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सतलुज नदी - Rajasthan PTET

सतलुज नदी

  • उद्गम स्थल – मानसरोवर के निकट राक्षस ताल से , जहां ऐसे लोगचेन खंबाब के नाम से जाना जाता है।
  • लम्बाई – सतलुज नदी की लम्बाई 1500 किमी है।
  • देश – यह नदीतिब्बत ,भारत ( हिमाचल प्रदेश,पंजाब ) , पाकिस्तान में बहती है।
  • सहायक नदियां – सतलुज नदी की एकमात्र सहायक नदी व्यास नदी है।
  • मुहाना – चिनाब नदी
  • पुल – सतलुज ब्रिज
  • प्रमुख शहर – सतलुज नदी शिमला , लुधियाना से होकर गुजरती है।
  • नहर – नागल बांध की नहर, सरहिंद और बेस्ट दोआब की नहर, जो रोपड़ से निकलती है, सरहिंद जैसी सहायक नहर, राजस्थान नहर और बीकानेर नहर, जो हुसैनीवाला से निकलती है, सभी सतलुज से ही पानी प्राप्त करती हैं।
  • परियोजना – भाखड़ा नांगल परियोजना ( गोविंद बल्लभ पंत जलाशय ) , चाबा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट

विशेष

  1. राजस्थान नहर ( इंदिरा गांधी नहर)-
  2. भारत की सबसे बड़ी नहर ( उदघाटन – 1958 , 1984 में इंदिरा गांधी नहर से नामकरण किया गया।
  3. लबाई – 470 किमी ,
  4. यह व्यास और सतलुज नदी के संगम पर ‘हरिके बैराज’ से निकली गई है।
  5. इसे राजस्थान की जीवन रेखा कहा जाता है।

अपवाह तंत्र – उद्गम स्थल से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले यह पश्चिम की ओर मुड़कर कैलाश पर्वत के ढाल के पास बहती है। यहाँ से यह नदी गहरे खड्डों से होकर बहती है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों से अपना रास्ता तय कराते हुये यह नदी पंजाब के नांगल में प्रवेश करती है।

नांगल से कुछ किलोमीटर ऊपर हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा में सतलुज पर बांध बनाया गया है। बांध के पीछे एक विशाल जलाशय का निर्माण किया गया है, जो गोविंद सागर जलाशय कहलाता है।

भाखड़ा नांगल परियोजना से पन बिजली का उत्पादन होता है,पंजाब में प्रवेश के बाद यह नदी दक्षिण-पूर्व के रोपड़ जिले में शिवालिक पहाड़ियों के बीच बहती है। रोपड़ में ही यह पहाड़ से मैदान में उतरती है, यहाँ से यह पश्चिम की ओर तेजी से मुड़कर पंजाब के मध्य में बहती है, जहां यह बेस्ट दोआब (उत्तर) और मालवा (दक्षिण) को विभाजित करती है।

हरिके में ब्यास नदी सतलुज में मिलती है, जहां से यह दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़कर भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा निर्धारित करती है। इसके बाद यह भारत को छोडकर कुछ दूरी के लिए पाकिस्तान में फाजिल्का के पश्चिम में बहती है। बहावलपुर के निकट पश्चिम की ओर यह चनाब नदी से मिलती है। दोनों नदियां मिलकर पंचनद का निर्माण करती है।

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