विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
परिभाषा:- वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।
जैसे – काला कुत्ता। इस वाक्य में ‘काला’ विशेषण है। जिस शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। उपरोक्त वाक्य में ‘कुत्ता’ विशेष्य है।
जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी विशेषण कहते हैं।
- मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं।
- धरमपुर स्वच्छ नगर है।
- वह पीला है।
- ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा?
इन वाक्यों में मेहनती, स्वच्छ, पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी की विशेषता बताते हैं।
विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताये, उसे विशेष्य कहते हैं, अतः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं।
विशेषण के पांच प्रकार हैं
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाण-बोधक विशेषण, और
- सार्वनामिक विशेषण।
- व्यक्तिवाचक विशेषण
1.गुणवाचक विशेषण
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग आदि का बोध होता है, उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-
- बगीचे में सुंदर फूल हैं।
- धरमपुर स्वच्छ नगर है।
- स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है।
- स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में सुंदर, स्वच्छ, गंदी और स्वस्थ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, किन्तु कोई भी विशेषता। अच्छा, बुरा, खरा, खोटा सभी प्रकार के गुण इसके अंतर्गत आते हैं।
- समय संबंधी- नया, पुराना, ताजा, वर्तमान, भूत, भविष्य, अगला, पिछला आदि।
- स्थान संबंधी- लंबा, चौड़ा, ऊँचा, नीचा, सीधा, बाहरी, भीतरी आदि।
- आकार संबंधी- गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आदि।
- दशा संबंधी- दुबला, पतला, मोटा, भारी, गाढ़ा, गीला, गरीब, पालतू आदि।
- वर्ण संबंधी- लाल, पीला, नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरी आदि।
- गुण संबंधी- भला, बुरा, उचित, अनुचित, पाप, झूठ आदि।
- संज्ञा संबंधी- मुंबईया, बनारसी, लखनवी आदि।
2.संख्यावाचक विशेषण
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-
- कक्षा में चालीस विद्यार्थी उपस्थित हैं।
- दोनों भाइयों में बड़ा प्रेम हैं।
- उनकी दूसरी लड़की की शादी है।
- देश का हरेक बालक वीर है।
◆उपर्युक्त वाक्यों में चालीस, दोनों, दूसरी और हरेक शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं
संख्यावाचक विशेषण के भी दो प्रकार हैं-
- निश्चित संख्यावाचक– जैसे, एक, पाँच, सात, बारह, तीसरा, आदि।
- अनिश्चित संख्यावाचक– जैसे, कई, अनेक, सब, बहुत आदि।
निश्चित संख्यावाचक
- पूर्णांक बोधक- जैसे, एक, दस, सौ, हजार, लाख आदि।
- अपूर्णांक बोधक– जैसे, पौना, सवा, डेढ, ढाई आदि।
- क्रमवाचक– जैसे, दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ आदि।
- आवृत्तिवाचक– जैसे, दुगुना, तिगुना, दसगुना आदि।
- समूहवाचक– जैसे, तीनों, पाँचों, आठों आदि।
- प्रत्येक बोधक– जैसे, प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक आदि।
अनिश्चित संख्यावाचक
- सारे आम सड़ गए।
- पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें हैं।
- लंका में अनेक महल जल गए।
- सुनामी में बहुत सारे लोग मारे गए।
निश्चित संख्यावाचक के अंतर्गत आनेवाले पूर्णांक बोधक विशेषण के पहले लगभग या करीब और बाद में एक या ओं प्रत्यय लगाने से अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हो जाता है।
जैसे-
- लगभग पचास लोग आएँगे।
- करीब बीस रूपए चाहिए।
- सैंकड़ों लोग मारे गए।
कभी-कभी दो पूर्णांक बोधक साथ में आकर अनिश्चय वाचक बन जाते हैं।
जैसे-
- चालीस-पचास रूपये चाहिए।
- काम में दो-तीन घंटे लगेंगे।
3.परिमाणवाचक विशेषण
- मुझे दो मीटर
- उसे एक किलो चीनी चाहिए।
- बीमार को थोड़ा पानी देना चाहिए।
उपर्युक्त वाक्यों में दो मीटर, एक किलो और थोड़ा पानी शब्द परिमाण-बोधक विशेषण हैं।
परिमाण-बोधक विशेषण के दो प्रकार हैं-
- निश्चित परिमाण बोधक – जैसे, दो सेर गेहूँ, पाँच मीटर कपड़ा, एक लीटर दूध आदि।
- अनिश्चित परिमाण-बोधक – जैसे, थोड़ा पानी और अधिक काम, कुछ परिश्रम आदि।
परिमाण-बोधक विशेषण अधिकतर भाववाचक, द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ आते हैं।
4.सार्वनामिक विशेषण
जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द से पहले आए तथा वह विशेषण शब्द की तरह संज्ञा की विशेषता बताये, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
- वह आदमी व्यवहार से कुशल है।
- कौन छात्र मेरा काम करेगा।
◆उपर्युक्त वाक्यों में वह और कौन शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं। पुरूषवाचक और निजवाचक सर्वनामों को छोड़ बाकी सभी सर्वनाम संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर सार्वनामिक विशेषण बन जाते हैं।
- निश्चयवाचक- यह मूर्ति, ये मूर्तियाँ, वह मूर्ति, वे मूर्तियाँ आदि।
- अऩिश्चयवाचक- कोई व्यक्ति, कोई लड़का, कुछ लाभ आदि।
- प्रश्नवाचक- कौन आदमी? कौन लौग?, क्या काम?, क्या सहायता? आदि।
- संबंधवाचक- जो पुस्तक, जो लड़का, जो वस्तुएँ आदि।
5.व्यक्तिवाचक विशेषण
व्युत्पत्ति की दृष्टि से सार्वनामिक विशेषण के दो प्रकार हैं-
- मूल सार्वनामिक विशेषण और
- यौगिक सार्वनामिक विशेषण।
1.मूल सार्वनामिक विशेषण
जैसे-
- वह लड़की विद्यालय जा रही है।
- कोई लड़का मेरा काम कर दे।
- कुछ विद्यार्थी अनुपस्थित हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में वह, कोई और कुछ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण हैं।
2.यौगिक सार्वनामिक विशेषण
जैसे-
- ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा?
- कितने रूपये तुम्हें चाहिए?
- मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता।
उपर्युक्त वाक्यों में ऐसा, कितने और इतना शब्द यौगिक सार्वनामिक विशेषण हैं।
यौगिक सार्वनामिक विशेषण निम्नलिखित सार्वनामिक विशेषणों से बनते हैं- यह से इतना, इतने, इतनी, ऐसा, ऐसी, ऐसे। वह से उतना, उतने, उतनी, वैसा, वैसी, वैसे। जो से जितना, जितनी, जितने, जैसा, जैसी, जैसे। कौन से कितना, कितनी, कितने, कैसा, कैसी, कैसे।
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